LIC IPO kaise khride, LIC IPO Details in Hindi, Launch Date, Life Insurance Corporation IPO
भारतीय जीवन बीमा निगम, यानी कि, एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी, पूरे जोरों पर है। हालांकि इतनी विशाल कंपनी का आईपीओ लाना इतना, आसान भी नहीं है। इसलिए इसके लिए लक्ष्य, इस वित्तीय वर्ष के अंत मार्च 2022 तक रखा गया है। मार्च से पहले, इसे लाने का मतलब यह है कि. जनवरी से मार्च के बीच कभी भी आ सकता है. कैबिनेट ने, हाल ही में एलआईसी में विनिवेश को मंजूरी दी है. इसके लिए मर्चेंट बैंकर्स की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है।सरकार ने कहा है कि,
इस आईपीओ के तहत जारी शेयरों का करीब, 10 फ़ीसदी हिस्सा एलआईसी पॉलिसी धारकों के लिए, रिजर्व रहेगा. और साथ ही, उन्हें बाकी लोगों से सस्ता शेयर मिल सकता है. आईपीओ के नियमों के मुताबिक, कोई कंपनी अपने कर्मचारी को, अधिकतम 10 फ़ीसदी छूट पर शेयर दे सकती है. लेकिन यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि. पॉलिसी धारक एलआईसी के कर्मचारी नहीं है. इसलिए एलआईसी उन्हें कितना छूट दे सकता है. यह देखने वाली बात होगी। सरकार ने, इसके लिए एलआईसी एक्ट 1956 में बदलाव किया है. कितना हिस्सा आईपीओ के माध्यम से बेचना है. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन की अगुवाई वाली एक समिति तय करेगी.
लिस्टेड होने के बाद :
अन्य कंपनियों की तरह, एलआईसी का संचालन भी कंपनीज एक्ट, और सेबी एक्ट के द्वारा होगा. इसे अपने मुनाफे या फिर घाटे के, तिमाही नतीजे सार्वजनिक करने होंगे. और प्रमुख घटनाक्रमों की भी समय-समय पर, एक्सचेंजओ के माध्यम से जनता को जानकारी देनी होगी. क्या होगा पॉलिसी धारकों को फायदा आपको बताते हैं। सरकार यदि पॉलिसी धारकों को 10 फ़ीसदी की छूट पर शेयर देती है, तो भी शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद, एलआईसी का वैल्यूएशन 10 से 15 लाख करोड़ रुपए हो सकता है.सेबी के नियमों के मुताबिक,
10 लाख करोड़ रुपए के आसपास के मार्केट कैप के अंदाजे से, एलआईसी को कम से कम, 55 हजार करोड रुपए का, आईपीओ लाना होगा. और यदि मार्केट कैप का अंदाजा, 15 लाख करोड़ का होता है. तो इसे 80 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ लाना होगा. कीमत भी अहम है, एलआईसी के आईपीओ में शेयरों की कीमत क्या होगी. यह बात भी काफी अहम होगी. क्योंकि इससे पहले सरकारी बीमा कंपनियों का, आईपीओ का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। सरकार के लिए एलआईसी का विनिवेश काफी अहम है. इसकी वजह यह है कि, अगर उसे इस वित्तीय वर्ष में डिसइनवेस्टमेंट का लक्ष्य, 1.75 लाख करोड़ रुपए पूरा करना है. तो यह एलआईसी के द्वारा ही हो सकता है.ये भी पढ़े - LIC का IPO लेने के लिए ऐसे खोलें डीमैट अकाउंट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया था.
कि 2021 22 में सरकार डिसइनवेस्टमेंट के जरिए, 1.75 लाख करोड रुपए जुटाना चाहती है. निवेशक क्यों लगाएंगे एलआईसी में पैसा. आपको बता दें भारतीय बीमा कारोबार में, एलआईसी का एकाधिकार जैसा है. एलआईसी के आकार और पहुंच को देखते हुए.आगे भी इसके कारोबारी संभावनाएं काफी मजबूत रहने की उम्मीद है. एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी करीब 66 फ़ीसदी है. 31 मार्च 2020 तक एलआईसी का कुल असेट, 37.75 लाख करोड़ रुपए का था. इसके पास 22.78 लाख एजेंट है. और 2.9 लाख कर्मचारियों का विशाल नेटवर्क है। यही नहीं एलआईसी शेयर बाजार के सबसे बड़े संस्थागत निवेशको में से एक है. और यह कितनी ही सरकारी कंपनियों के लिए सेवियर के तरह सामने आता रहा है. एलआईसी ने शेयर बाजार में मोटा निवेश कर रखा है. इसके भारी-भरकम निवेश पोर्टफोलियो से भी अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है.